आपके लिए पेश है पुस्तकालय के लाभ पर निबंध हिंदी में (pustakalaya ke labh essay in hindi) इस निबंध में पुस्तकालय के लाभ की काफी सारी जानकारी दी गयी है।
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पुस्तकालय के लाभ निबंध हिंदी
प्रस्तावना : पुस्तकालय दो शब्दों से मिलकर बना है-पुस्तक और आलय । इसका अर्थ है-'पुस्तकों का घर' ऐसा घर जहाँ ज्ञान, विज्ञान, साहित्य, कला आदि विभिन्न विषयों की अनगिनत तथा नवीनतम पुस्तकों का संग्रह होता है। किसी भी व्यक्ति, जाति या देश के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा बहुत महत्त्वपूर्ण है। शिक्षा के बिना मनुष्य जडवतू होता है। शिक्षा, ज्ञान एवं विद्या के प्रसार के लिए पुस्तकालय सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है। छात्र और अध्यापक दोनों को ही पुस्तकालय का अधिक से अधिक उपयोग करके नवीनतम ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।
पुस्तकालय के प्रकार : पुस्तकालय प्रायः तीन प्रकार के होते हैं ।
1. निजी पुस्तकालय- प्रायः लेखक, वकील, अध्यापक, राजनीतिज्ञ आदि अप्रने घरों या दफ्तरों में अपना निजी पुस्तकालय बनवाते हैं।
2. वर्गगत पुस्तकालय- ये पुस्तकालय किसी विशेष संस्था, संप्रदाय या वर्ग विशेष द्वारा चलाए जाते हैं।
3. सार्वजनिक पुस्तकालय- इस प्रकार के पुस्तकालय प्रायः बड़े नगरों में केन्द्रीय सरकार, नगर पालिकाओं या राज्य सरकारों द्वारा स्थापित किए जाते हैं।
पुस्तकालय के नियम : पुस्तकालय अध्ययन करने का स्थान है, जहाँ अनेक नियमों का पालन करना होता है। हमें वहाँ शान्तिपूर्वक बैठकर अध्ययन करना चाहिए। धूम्रपान या फिर खाना-पीना पुस्तकालय में वर्जित होता है पुस्तकें जिस स्थान से ली जाएँ, उन्हें उसी क्रम में यथाक्रम रखना चाहिए। पुस्तकों से कोई भी पृष्ठ या पेपर नहीं फाड़ना चाहिए। उन पर पेंसिल या कलम से कोई निशान आदि नहीं लगाना चाहिए।
पुस्तकालय का महत्व : आजकल प्रतिदिन नई से नई पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं। सभी पुस्तकें न तो कोई व्यक्ति खरीद सकता है और न ही उनकी देख-रेख कर सकता है इसलिए ज्ञान-पिपासु व्यक्ति पुस्तकालय में ही जाकर ज्ञान अर्जित करता है। कुछ विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो बहुत होनहार होते हैं, लेकिन पुस्तकें खरीद नहीं सकते, ऐसे में वे पुस्तकालय में ही बैठकर उनका अध्ययन कर लेते हैं। बड़ी-बड़ी डिग्रियाँ, जैसे पी.एच.डी. आदि करने वाले विद्यार्थी भी पुस्तकालय में ही बैठकर अध्ययन करते हैं। अनेक लोग पुस्तकें केवल अपने शौक और मनोरंजन के लिए भी पढ़ते हैं। उपन्यास, कहानी, नाटक आदि का पूर्ण संग्रह भी पुस्तकालय में आसानी से मिल जाता है। सही अर्थों में पुस्तकालय ही माँ सरस्वती का सच्चा मन्दिर है, जहाँ ज्ञान रूपी भंडार भरा होता है।
उपसंहार : पुस्तकालयों की स्थापना से ही किसी देश को सच्चे अर्थों में शिक्षित किया जा सकता है। पुस्तकालय के महत्व को ध्यान में रखते हुए महात्मा गाँधी ने कहा भी था, “भारत के हर घर में पुस्तकालय अवश्य होना चाहिए। चाहे वह छोटा-सा ही क्यों न हो। सम्पूर्ण विकास के लिए यही तो संजीवनी बूटी के समान है।” निःसंदेह पुस्तकालय में जाकर ही इंसान का सर्वागीण विकास संभव है। पुस्तकों की देखभाल तथा सदुपयोग करना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का कर्त्तव्य है।
पुस्तकालय के लाभ निबंध हिंदी PDF
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