आपके लिए पेश है परिश्रम का महत्व पर निबंध हिंदी में (parishram ka mahatva essay in hindi) इस निबंध में परिश्रम के महत्व की काफी सारी जानकारी दी गयी है।
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परिश्रम का महत्व निबंध हिंदी
भूमिका : जीवन में परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। परिश्रम के बिना तो खाना भी नहीं पचता। परिश्रम के बिना कोई भी व्यक्ति मंजिल तक नहीं पहुँच सकता। इतिहास गवाह है कि हमने आज जो कुछ भी प्राप्त किया है, परिश्रम द्वारा ही प्राप्त किया है। विज्ञान के नए-नए अविष्कार, परिश्रम द्वारा ही संभव हुए हैं।
परिश्रम के प्रकार : हर व्यक्ति अपने जीवन में दो प्रकार के परिश्रम करता है-बौद्धिक तथा शारीरिक। दोनों ही श्रम अपना-अपना विशेष महत्व रखते हैं। केवल शारीरिक-श्रम ही परिश्रम नहीं है, अपितु जो व्यक्ति पूरा दिन ऑफिस में बैठकर फाइलों के साथ माथापच्ची करता है, वह भी श्रम ही है। मानसिक श्रम हमारे बौद्धिक विकास के लिए लाभदायक है, तो शारीरिक श्रम करने से हमारा शरीर चुस्त रहता है, पाचन क्रिया ठीक रहती है तथा आलस्य भी दूर रहता है। आज जितने भी वकील, डॉक्टर इत्यादि, जो केवल मानसिक श्रम करते हैं, अपने शारीरिक विकास के लिए प्राणायाम, प्रातःकालीन भ्रमण इत्यादि क्रियाएँ करते हैं, इससे उनका मन तथा शरीर दोनों तंदुरुस्त रहते हैं।
परिश्रम के लाभ : जो मनुष्य पुरुषार्थी होता है तथा पूरे लगन से तन, मन, धन तथा कर्म से कठोर परिश्रम करता है, उसे सफलता अवश्य प्राप्त होती है। आलसी व्यक्ति जीवन में कुँए के मेंढक की भाँति होता है और उसका जीवन निरर्थक चला जाता है। कठोर परिश्रम, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक, मनुष्य को निराशाओं से दूर रखकर आशा तथा उत्साह से भरा जीवन जीना सिखाता है। इतिहास साक्षी है कि जितने भी देश आज विकसित हैं, वे सब उस देश के मनुष्यों की मेहनत का ही परिणाम है। अमेरिका तथा जापान इसके सबसे ज्वलंत उदाहरण हैं। ये देश आज धन-धान्य से परिपूर्ण हैं तथा साथ ही नई से नई तकनीकों द्वारा अच्छा धन कमा रहे हैं। महाकवि तुलसीदास ने सच कहा है- 'सकल पदार्थ है जग माहीं । कर्महीन नर पावत नाही ।' अर्थात् इस संसार में सभी पदार्थ, सुख-सुविधाएँ, धन-दौलत सब कुछ है लेकिन उन्हें आलसी व्यक्ति प्राप्त नहीं कर सकता। परिश्रम से ही सभी कुछ प्राप्त किया जा सकता है।
कुछ परिश्रमी व्यक्तियों के उदाहरण : संसार के सभी महापुरुषों ने परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की है। बालगंगाधर तिलक, नेपोलियन, जॉर्ज वॉशिंगटन, अब्राहिम लिंकन, महात्मा गाँधी, हिटलर, इंदिरा गाँधी, मदर टेरेसा सभी ने प्रसिद्धि की ऊँचाईयों को केवल परिश्रम करके ही छुआ था।
परिश्रम की शक्ति : परिश्रम में अपार शक्ति होती है जिस व्यक्ति ने इसे प्राप्त कर लिया, उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। परिश्रम से मूर्ख विद्वान बन जाता है, निर्बल बलवान बन जाता है। सफलता परिश्रमी व्यक्ति के कदमों में स्वयं आकर गिर जाती है, तभी तो कुहा भी गया है-- "पुरुष सिंहभुषैति लक्ष्मी।"
उपसंहार : वास्तव में सिंह के समान वीर पुरुष ही धन लक्ष्मी पाता है। सिंह भी तो परिश्रम करके अपना शिकार स्वयं ही ढूँढता है। अतः यदि हमें अपने जीवन में कुछ पाना है, आगे बढ़ना है, तो हमें परिश्रम के महत्व को समझना चाहिए।
परिश्रम का महत्व निबंध हिंदी PDF
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