आपके लिए पेश है मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी में (myschool essay in hindi) इस निबंध में मेरा विद्यालय स विषय के बारे में काफी सारी बाते लिखी गई है।
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मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी
प्रस्तावना : विद्यालय मतलब "विद्या का मन्दिर" । विद्यालय वह पवित्र स्थान है जहाँ अबोध बच्चा अनुशासन, सच्चरित्रता तथा सभ्य नागरिक बनने की शिक्षा ग्रहण करता है। विद्यालय में ही हर बच्चा पहला पाठ पढ़ता है। मैं भी अपने विद्यालय को मन्दिर की ही तरह देखता हूँ तथा अध्यापकों को एक पुजारी भाँति सम्मान देता हूँ।
मेरे विद्यालय का परिचय : मेरे विद्यालय का नाम “श्रेयश इंटरनेशनल स्कूल” है और यह मयूर विहार, फेस तीन में स्थित है इसकी अन्य शाखाएँ देश के कई शहरों में तथा विदेश में भी है। मेरा विद्यालय राजधानी के कई सम्मानीय विद्यालयों में से एक है जिसकी प्रशंसा उसके अच्छे परिणाम के कारण जब-तब समाचार-पत्रों तथा पुस्तिकाओं में होती रहती है। मेरे विद्यालय का अनुशासन तथा कार्यपद्धति निःसन्देह अद्भुत है।
विद्यालय का भवन : मेरे विद्यालय में चार मंजिलें हैं, जिसमें कुल मिलाकर लगभग 60 कमरे हैं। सभी कमरे खुले, हवादार तथा पर्याप्त रोशनी वाले हैं। विद्यालय के बीचो-बीच एक बड़ा-सा मैदान है, जिसमें सुन्दर-सुन्दर फूल लगे हैं। कमरों के सामने बरामदे तथा बरामदे के आगे फैली हुई हरियाली की आकर्षक शोभा अनायास ही अपनी ओर खींच लेती है। सभी कमरों में श्याम-पट तथा रंग-विरंगे शिक्षाप्रद चार्ट लगे हैं। अध्यापक, अध्यपिकाओं के लिए एक कुर्सी तथा एक मेज है तथा विद्यार्थियों के लिए भी अलग-अलग कुर्सी-मेजें लगी हैं। हमारे विद्यालय का पुस्तकालय अच्छी तथा उपयोगी पुस्तकों से परिपूर्ण है। प्राथमिक चिकित्सा कक्ष, कम्प्यूटर लैब तथा विज्ञान-लैब भी है। विद्यालय के बड़े हॉल में समय-समय पर बाल-सभाएँ, छोटे-छोटे नाटक आदि होते रहते हैं। एक अलग बड़ा मैदान भी है जो सभी प्रकार के खेलों के लिए है। विद्यालय में जलपान-ग्रह भी है जो एकदम साफ-सुथरा है।
विद्यालय के शिक्षक-गण तथा विद्यार्थी : मेरे विद्यालय में लगभग 8000 विद्यार्थी पढ़ते हैं। अधिकतर विद्यार्थी अनुशासन प्रिय तथा मदुभाषी हैं। मेरे विद्यालय के सारे अध्यापक-अध्यापिकाएँ भी प्रशिक्षित तथा अपने विषयों में पारंगत हैं। सभी बहुत सहयोगी तथा दयालु प्रवृत्ति के हैं। वे हर बात बच्चों को प्यार से समझाते हैं, मारपीट कर नहीं । मेरे विद्यालय की प्रधानाचार्या तथा उप-प्रधानाचार्या भी बहुत अच्छे स्वभाव वाली महिलाएँ हैं। सभी विद्यार्थी अपने गुरुजनों का आदर करते हैं तथा गुरुजन विद्यार्थियों को स्नेह करते हैं।
उपसंहार : मेरे विद्यालय में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे एन.सी.सी., स्काउटिंग, रेडक्रास, वाद-विवाद प्रतियोगिता, लोकनृत्य कक्षाएँ आदि भी चलाई जाती हैं। मेरे विद्यालय में समय-समय पर मेले तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं। शिक्षक दिवस, बालदिवस, गणतन्त्र दिवस आदि पूरी श्रद्धा तथा विश्वास के साथ मनाए जाते हैं। मेरे विद्यालय का परिणाम अधिकतर सौ प्रतिशत रहता है क्योंकि शिक्षक बहुत मेहनती तथा लगन वाले हैं तथा विद्यार्थी भी मन लगाकर पढ़ते हैं। इन्हीं अनगिनत विशेषताओं के कारण मुझे अपने विद्यालय पर गर्व है। अभी मैं नौवीं का छात्र हूँ और सोचता हूँ कि जब तीन साल बाद मैं यहाँ से जाऊँगा तो मुझे अपना विद्यालय बहुत याद आएगा।
मेरा विद्यालय पर निबंध हिंदी PDF
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