आपके लिए पेश है मेरा देश भारतवर्ष पर निबंध हिंदी में (mera desh essay in hindi) इस निबंध में भारतवर्ष की काफी सारी जानकारी दी गयी है।
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मेरा देश निबंध हिंदी
प्रस्तावना : मेरा भारतवर्ष महान है। यह सभी राष्ट्रों में अत्यधिक सुन्दर तथा सभ्य देश है। हम भारतवासी इसको माता के रूप में पूजते हैं तथा "वन्देमातरम" कहकर इसका सम्मान करते हैं।
परिचय : भारतवर्ष को अनेक नामों से पुकारा जाता रहा है। पहले यह धन-धान्य से परिपूर्ण था, इसलिए इसे "सोने की चिड़िया" कहा जाता था। आर्यों का मूल निवास होने के कारण यह "आर्यवर्त" कहलाता था। राजा दुष्यंत तथा शकुंतला के यशस्वी पुत्र "भरत" के नाम पर यह भारतवर्ष कहलाया जाने लगा। यह हिन्दुओं की भूमि है, इसीलिए इसे 'हिन्दुस्तान' भी कहा जाता है। जनसंख्या के आधार पर यह दुनिया में दूसरे स्थान पर है क्योंकि इसकी जनसंख्या 100 करोड़ से भी अधिक है। इसका भौगोलिक क्षेत्रफल 32,87,782 वर्ग कि.मी. के लगभग है।
भारतवर्ष की प्राकृतिक सीमाएँ : भारतवर्ष चारों ओर से प्राकृतिक सौन्दर्य से घिरा हुआ है, जिसके उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में रामेश्वरम् तक तथा पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैला हुआ है। इस प्रकार इसके उत्तर में हिमालय पर्वत, दक्षिण में हिन्द महासागर, पूरब में बंगाल की खाड़ी तथा पश्चिम में अरब सागर है।
भारतवर्ष की प्रमुख विशेषताएँ : हमारा देश धर्म-निरपेक्ष देश है। इसमें विभिन्न धर्मों के लोग जैसे-हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, पारसी, बौद्ध आदि शान्ति व सद्भाव के साथ रहते हैं। उन सभी के पूजास्थल तथा तीर्थस्थल है। विश्व का साँतवा आर्श्च ताजमहल आगरा में स्थित है। यहाँ गर्मी, सर्दी, बसनन््त, पतझड़ सभी ऋतुओं का आनन्द लिया जा सकता है।
आज से कई सौ साल पूर्व, जब हमारा देश पूर्णतया स्वतन्त्र था, तब सारा विश्व इसके आगे शीश झुकाता था। भारतवर्ष की सभ्यता तथा संस्कृति अमूल्य है। इसके मैदानी भाग को गंगा, यमुना, सरस्वती, सतलुज, कृष्णा, कावेरी आदि नदियाँ अपने पवित्र जल से सींच रही हैं। कश्मीर, शिमला, कूल्लू, नैनीताल इत्यादि इसकी प्राकृतिक शोभा में चार चाँद लगाते हैं। भारत भूमि महान वीरों तथा महापुरुषों की भूमि रही है। यहीं पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम, कृष्ण, दयानन्द, विवेकानन्द, महावीर, गुरुनानक, महात्मा गाँधी, सुभाष चन्द्र जैसी महान आत्माओं ने जन्म लिया है। यहाँ पर अनेक तीर्थ स्थान जैसे गंगासागर, रामेश्वरम्, बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी इत्यादि इसकी धार्मिक एकता का परिमाण है। यहीं पर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और यहीं पर जन्मे कालिदास, कबीरदास, तुलसीदास जैसे महान कवियों ने अपनी महान रचनाओं से इस देश का मस्तक ऊँचा किया है।
भारत का स्वतंत्रता चरण : हमारा देश लगभग 300 वर्षों तक विदेशियों के चंगुल में रहा है, जिन्होंने इसे निर्धन करने की बहुत कोशिश की है। लेकिन 15 अगस्त, 1947 को पूर्ण स्वतन्त्रता के पश्चातू हमारा देश चहुँमुँखी विकास की ओर अग्रसर है। आज विदेशी भी हमारा लोहा मानते हैं। औद्योगिक, कृषि, विज्ञान, रसायन, मनोरंजन, हर क्षेत्र में हमारा देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। अंधविश्वासों तथा कुरीतियों पर भी हमने विजय प्राप्त कर ली है। महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे आ रही है। खेलों में भी हमारा देश पीछे नहीं है। चिकित्सा के क्षेत्र में हमने काफी तरक्की की है। हम जात-पात, ऊँच-नीच, बैर-क्रोध की भावना से कोसो दूर है। आर्थिक क्षेत्र में भी हमारा देश अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। यदि हम इसी गति से विकास के पथ पर बढ़ते रहे, तो वह दिन दूर नहीं, जब हमारा देश फिर से "सोने की चिड़िया" कहलाएगा और सभी हमारी उन्नति पर अचंभित हो जाएंगे।
मेरा देश निबंध हिंदी PDF
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