आपके लिए पेश है देश प्रेम पर निबंध हिंदी में (desh prem essay in hindi) इस निबंध में देश प्रेम की भावना के बारे में काफी सारी बाते लिखी गई है।

desh prem essay in hindi

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देश प्रेम पर निबंध हिंदी

प्रस्तावना : स्वदेश प्रेम की भावना प्रत्येक व्यक्ति में होना स्वभाविक है और जिसमें यह भावना नहीं है वह इंसान नहीं, पशु है। जिस देश में हम पैदा हुए हैं, जहाँ की भूमि की मिट्टी हमारी रग-रग में बसी हुई है, उस मिट्टी से प्यार करना हमारा धर्म है। वह भूमि ही तो हमारी माता है, जननी है और अपनी जननी की सभी को रक्षा करनी चाहिए।

मातृभूमि की उपयोगिता : हमारी अपनी माता हमें केवल जन्म देती है, लेकिन हमारा पालन-पोषण, अन्न, धन, फूल, फल तो हमें हमारी धरती माता ही देती है, इसलिए मातृभूमि का महत्व तो स्वर्ग से भी बढ़कर है। यह स्वदेश की भावना केवल इंसान में ही नहीं, अपितु पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों में भी होती ढै। सभी को अपने जन्म-स्थान से लगाव होता है। पशु-पक्षी भी अपने रहने के स्थान को सजा-संवाकर रखते हैं और दिनभर इधर-उधर घूमने के बाद सायंकाल को अपने घर में आकर ही शान्ति का अनुभव करते हैं। विदेशों में रहने वाले भारतीय इस पीड़ा को समझते हैं कि अपने देश की मिट्टी से दूर रहना कितना कष्टप्रद होता है। स्वदेश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत व्यक्ति अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राण भी न्योछावरकर सकता है

मातृभूमि के उपकार : सत्य ही तो है कि मातृभूमि ने हमे सभी सुख दिए हैं। इसी धरती.का अन्न खाकर हम बड़े हुए हैं, इसी का पानी पीकर हमने अपनी प्यास बुझाई है। इसी की शुद्ध वायु में हम साँस ले रहे हैं, फिर क्‍यों न हम भी अपनी मातृभूमि की जी-जान से रक्षा करें। सच्चे देशभक्तों का इतिहास : सच्चे देश-प्रेमियों का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है। अनेक महापुरुषों, जैसे-महाराणा प्रताप, रानी लक्ष्मीबाई, शिवाजी, राजाराममोहन राय, गुरु गोविन्द सिंह, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि ने देश-सेवा के सामने अपनी निजी सुख की कभी भी चिन्ता नहीं की और देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी, लेकिन भारतमाता का बाल भी बांका न होने दिया। देश की धरती ऐसे वीर सपूतों को दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

मातृभूमि के प्रति हमारा कर्त्तव्य : मातृभूमि का हमारे ऊपर बहुत ऋण है, जिसे हम कभी भी नहीं चुका सकते। आज हम स्वतन्त्र है, लेकिन हमारे वीरों ने अनेक कुर्वानियों के पश्चात्‌, यह स्वतन्त्रता प्राप्त की है। हमें भी अपनी मातृभूमि की पूरे जी-जान से रक्षा करनी चाहिए। सच्चा देशभक्त वही है जो आवश्यकता पड़ने पर अपने बारे में नहीं सोचता, वरन्‌ अपनी मातृभूमि के बारे में सोचता है।

उपसंहार : देश-प्रेम बलिदान माँगता है। हमे कोरी बातों से नहीं, बल्कि अपने कार्यों से देश-सेवा करनी चाहिए । देश की प्रगति के लिए अथक प्रयास करने चाहिए। आतंकवादियों, चोरों, लुटेरों से अपनी भारतमाता को बचाना चाहिए। कोई भी बाहरी व्यक्ति आकर हमारी भारतमाता को नुकसान पहुँचाए, तो हमे डटकर उसका सामना करना चाहिए। तभी हम सच्चे देशभक्त कहलाएंगे।

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