आपके लिए पेश है 2 अक्टूबर गांधी जयंती का निबंध हिंदी में (gandhi jayanti essay in hindi) इस निबंध में गाँधी जयंती पर काफी सारी जानकारी दी गयी है।
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गांधी जयंती हिंदी निबंध
भूमिका : इस संसार में हजारों लोग हर दिन पैदा होते हैं और हजारों हर दिन मर जाते हैं लेकिन कोई उनका नाम तक नहीं जानता। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके अद्भुत कार्य ही उनकी पहचान होते हैं, ऐसे महान व्यक्ति मरकर भी अमर हो जाते हैं। ऐसे ही महान व्यक्तियों में "मोहनदास कर्मचन्द" गाँधी का नाम सर्वोपरि है।
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्तूबर, सन् 1869 को काठियावाड के पोरबन्दर नामक नगर में हुआ था | उनका जन्म दिन हर वर्ष “गाँधी जयन्ती” के रूप में मनाया जाता है। यह भी अन्य राष्ट्रीय पर्वों की भाँति एक मुख्य पर्व है।
गाँधी जयन्ती का महत्व : यह एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रीय पर्व है। गाँधी जी कोई सामान्य नागरिक नहीं थे। वे तो एक ऐसे युग-पुरुष थे, जो कभी-कभी हजारों वर्षों में एक बार पैदा होते हैं। इस-महान आत्मा ने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतन्त्र कराने के लिए सत्य तथा अहिंसा जैसे शस्त्रो का प्रयोग किया था।
उनका जीवन जैसे काँटों के बिस्तर पर सोने के लिए ही बना था। उनका अपना कोई व्यक्तिगत सुख नहीं था, वे तो बस देशवासियों के सुख की चिन्ता में रहते थे। यही कारण है कि इस महान आत्मा को श्रद्धांजलि देने हेतु उनका जन्मदिवस हर वर्ष “गाँधी जयन्ती” के रूप में विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
गाँधी जयन्ती मनाने की विधि : यह पर्व हर गाँव, शहर, नगर में बराबर धूमधाम से मनाया जाता है। सुबह से ही प्रभात-फेरियाँ निकलनी प्रारम्भ हो जाती हैं। दिन में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कवि-सम्मेलनो आदि का आयोजन किया जाता है। पूरा वातावरण 'गाँधी जी अमर रहे' जैसे नारों से गूँज उठता है। इस दिन दिल्ली में गाँधी जी की समाधि "राजघाट" पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा लोग उनकी समाधि पर फूल-मालाएँ व श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यह दिन सभी विद्यालयों में भी विशेष जोश से मनाया जाता है। इससे छात्रों को भी गाँधी जी के जीवन के आदर्शो को अपनाने की प्रेरणा मिलती है, वैसे तो यह एक राष्ट्रीय अवकाश होता है, लेकिन इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चे गाँधी जी की तरह बनकर उनके गुणों को दाने की कोशिश करते हैं।
निष्कर्ष : गाँधी जी का व्यक्तित्व एकदम साधारण था। वे शरीर पर केवल एक धोती मात्र लपेट कर सादगी की मूरत लगते थे। उन्होंने विदेशी वस्तुओं का परित्याग करके देशी वस्तुएँ अपनाने पर जोर दिया। नारी कल्याण, बाल कल्याण, दलित उद्धार के लिए उन्होंने अनेक कार्य किए और सफलता भी प्राप्त की।
गाँधी जयन्ती का शुभ पर्व हमारे लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करता है इसलिए इस दिन हम सभी को यह संकल्प करना चाहिए कि हम गाँधी जी की ही भाँति अपने देश की रक्षा के लिए अपना तन, मन, धन सबकुछ न्यौछावर कर देंगे।
गांधी जयंती हिंदी निबंध PDF
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