आपके लिए पेश है दीपावली पर निबंध हिंदी में (diwali essay in hindi) इस निबंध में दीपावली की काफी सारी जानकारी दी गयी है।
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दीपावली निबंध हिंदी
प्रस्तावना : हमारा देश त्यौहारों का देश है। हर दिन एक नया पर्व होता है, कभी राष्ट्रीय पर्व तो कभी धार्मिक पर्व । धार्मिक त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्व है। "दीपावली" का अर्थ है "दीपों की कतार" अर्थात् इस दिन दीपों की कतार जलाई जाती है।
दिवाली त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या को प्रतिवर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन दीयों, मोमबत्तियों तथा बिजली के बल्वों से इतनी रोशनी की जाती है कि अमावस्या की काली अंधेरी रात भी पूर्णमासी की चाँदनी रात की भाँति जगमगा उठती है । यह त्यौहार पाँच दिनों तक चलता है । दीपावली के दो दिन पहले "धनतेरस" एक दिन पहले "छोटी दीपावली", एक दिन बाद "गोवर्धन पूजा" तथा दो दिन बाद "भैया दूज" के त्यौहार मनाए जाते हैं।
दीपावली मनाने का प्रयोजन : इस त्यौहार को मनाने के पीछे अनेक कारण हैं। इस दिन भगवान श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके पत्नी सीता तथा भाई लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इसी दिन श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे तथा मिठाईयाँ बाँटी थीं। कहते हैं युधिष्ठिर का राजसूर्य यज्ञ भी इसी दिन पूरा हुआ था। जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी एवं आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन निर्वाण प्राप्त हुआ था। इसीलिए जैनी तथा आर्यसमाजी भी इस त्यौहार को पूरे जोश के साथ मनाते हैं।
दीपावली मनाने की विधि : दीपावली का सम्बन्ध व्यापारी वर्ग से भी है। इस दिन लोग घरों के साथ-साथ दुकानों, ऑफिसों, कार्यालयों में भी "लक्ष्मी गणेश" की पूजा करते हैं। बाजारों, विशेषकर हलवाइयों की दुकानें विशेष रूप से सजाई जाती हैं। सभी अपने सगे-सम्बन्धियों तथा मित्रों में मिठाई, उपहार आदि बाँटते हैं। घरों में भी तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं तथा घरों को खूब सजाते हैं। व्यापारी लोग इस दिन अपना नए वर्ष का बहीखाता भी बनाते हैं।
दीपावली से सम्बन्धित कुप्रथा : दीपावली के दिन कुछ अंधविश्वासी लोग जुआ खेलना अच्छा शगुन मानते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं, वहीं दूसरी ओर जुए में हारकर धन बर्बाद भी करते हैं। प्राचीनकाल में तो लोग कभी-कभी अपनी स्त्रियों को ही दाँव पर लगा देते थे, परन्तु अब यह प्रथा समाप्त हो चुकी है।
उपसंहार : दीपावली का उत्सव सही अर्थो में वीर-पूजा एवं वीर-विजय का स्मृति-चिह्न है। इसे अज्ञान की अपेक्षा ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। दीपक अमावस्या का अंधकार हरता है जिस प्रकार रावण की कुबुद्धि के अंधकार को श्रीराम की भक्ति के ज्ञान ने दूर किया था। इसी प्रकार इस त्यौहार से प्रेरणा लेते हुए भारतवासियों को अपने देश से अज्ञान के अंधकार को दूर रखना चाहिए और ज्ञान के प्रकाश से सब जगह प्रसन्नता तथा ऐश्वर्य फैलाना चाहिए। अशिक्षा, जात-पात का भेदभाव एवं गरीबी के अंधकार को दूर करके जन-जन में दीपावली-सा प्रकाश भरना चाहिए।
दीपावली निबंध हिंदी PDF
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